भारत में लाखों निवेशकों के अनक्लेम शेयर और डिविडेंड पड़े हुए हैं. बिना दावे वाले ये शेयर या तो जानकारी नहीं होने के कारण या फिर कार्यवाही में देरी के कारण IEPFA के पास हैं. अगर आपके परिवार के भी किसी सदस्य ने ऐसा कोई असेट छोड़ा है तो उसे चेक करके क्लेम कर सकते हैं.
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) के अनुसार, 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत के 1.1 अरब से ज्यादा अनक्लेम शेयर और लगभग 6,000 करोड़ रुपये के अनक्लेम डिविडेंड वर्तमान में निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (IEPFA) के पास हैं.
गौरतलब है कि इसे सही दावेदारों तक पहुंचाने के लिए, कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत IEPFA की स्थापना की गई थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सही दावेदार अपने निवेश को वापस पा सकें. लगातार सात सालों तक अछूते रहने वाले बिना दावे वाले शेयर और डिविडेंड को कंपनियों द्वारा IEPFA को ट्रांसफर कर दिया जाता है. निवेशक या उनके कानूनी उत्तराधिकारी IEPF प्राधिकरण नियम, 2016 का पालन करते हुए अधिनियम की धारा 124 के तहत क्लेम कर सकते हैं.
निवेशक शिविर लगाए जाएंगे
हालांकि मौजूदा समय में क्लेम प्रोसेस में पहचान और स्वामित्व के प्रमाण समेत कई दस्तावेज ऑनलाइन जमा करना होता है, लेकिन IEPFA इस अनुभव को आसान बनाने के लिए काम कर रहा है. सेबी के सहयोग से IEPFA क्लेम करने में सहायता करने के लिए प्रमुख शहरों में 'निवेशक शिविर' आयोजित करने की योजना बना रहा है.
नया पोर्टल भी आ रहा है
एक नया वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म भी पेश किया जाएगा, जिसका उद्देश्य पूरे क्लेम को सरल बनाना है. यह आगामी पोर्टल वास्तविक समय में क्लेम ट्रैकिंग, पैन, डिपॉजिटरी और बैंकों के साथ एकीकरण के माध्यम से ऑटोमैटिक डेटा वेरीफिकेशन और कंपनियों के साथ सीधा कम्युनिकेट करेगा, जिससे निवेशकों के लिए प्रक्रिया अधिक कुशल और पारदर्शी हो जाएगी.
1 फाइनेंस में म्यूचुअल फंड की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रजनी तंदले ने कहा कि निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (IEPFA) पोर्टल निवेशकों के लिए उनके बिना दावे वाले डिविडेंड, शेयर और डिबेंचर का पता लगाने और उन पर दावा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है. ये परिसंपत्तियां, जो लगातार सात वर्षों तक बिना दावे वाली रहती हैं, आईईपीएफए को हस्तांतरित कर दी जाती हैं. कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने पुनः प्राप्ति प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए एक एकीकृत पोर्टल विकसित किया है.
प्रोसेस में भी छूट
IEPFA ने प्रमुख प्रक्रियागत छूट भी पेश की है. 5 लाख रुपये तक के दावों के लिए उत्तराधिकार प्रमाणपत्र की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है. इसके अलावा, अब नोटरीकृत दस्तावेजों के स्थान पर स्व-सत्यापित दस्तावेज स्वीकार किए जाएंगे, जिससे खुदरा निवेशकों और कानूनी उत्तराधिकारियों के लिए वैध दावे पेश करना आसान हो जाएगा.
इनएक्टिव निवेशों की पहचान करने में सहायता के लिए, आईईपीएफए ने अपनी ऑनलाइन खोज सुविधा को डेवलप किया है, जिससे निवेशक शीघ्रता से यह पता लगा सकेंगे कि उनके या उनके परिवार के सदस्यों के पास कोई दावा रहित शेयर या लाभांश तो नहीं है. बढ़ती निवेशक जागरूकता और डिजिटल उपकरणों के साथ, खोए हुए निवेश को फिर से पाने का रास्ता अब पहले से कहीं अधिक सुलभ है.
कैसें करें क्लेम?