भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है और वित्त वर्ष 2026 में भी ये जारी रहेगी. जी हां, मंगलवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Govt) के लिए विदेश से गुड न्यूज आई. ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विस कंपनी यूबीएसी (UBS) ने भारत की FY26 की रियल जीडीपी ग्रोथ रेट (GDP Growth Rate) के अनुमान में 40 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की है और इसके 6% से बढ़ाकर 6.4% कर दिया है. चौथी तिमाही में उम्मीद से बेहतर ग्रोथ रेट के बाद ये अच्छी खबर आई है.
चौथी तिमाही में शानदार GDP ग्रोथ
बीते दिनों सरकार ने जनवरी-मार्च यानी चौथी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ का आंकड़ा जारी किया था, जो उम्मीद से बेहतर रहा था. पहले यह आंकड़ा अनुमानित 6.85% था, लेकिन तिमाही दर तिमाही आधार पर इसमें तेजी दर्ज की गई है. पिछली तिमाही यानी Q3 FY25 में GDP ग्रोथ रेट 6.2% रही थी, जो Q4 में अब बढ़कर 7.4% हो गई है. अर्थव्यवस्था का मजबूत प्रदर्शन बताता है कि घरेलू मांग, निवेश और कृषि उत्पादन में मजबूती रही है. वहीं अब आर्थिक गतिविधियों में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन और लचीलापन देखते हुए यूबीएस ने भी अपने पूर्वानुमान में बड़ी वृद्धि की है.
डिमांड बढ़ी, ट्रेड टेंशन घटी
UBS के इंडिया कॉम्पोजिट इकोनॉमिक इंडिकेटर (CEI) के अनुसार, अप्रैल में आर्थिक गति बरकरार रही है और मौसमी आधार पर समायोजित इंडेक्स में मासिक आधार पर 1.1% की वृद्धि दर्ज की गई. कुछ ऐसी ही स्थिति मार्च तिमाही में देखी गई थी. इससे यह संकेत मिलता है कि देश में आर्थिक गतिविधि स्थिर बनी हुई है. वहीं भारत में डिमांड में इजाफा, व्यापार तनाव में नरमी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते यूबीएसी ने भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट (India's GDP Growth) के अनुमान को संशोधित करते हुए इसे बढ़ाया है.
ग्रोथ अनुमान संसोधन के पीछे ये कारण
यूबीएसी सिक्योरिटीज की चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट तन्वी गुप्ता जैन के अनुसार, GDP Growth के अनुमान में यह ताजा संशोधन कई कारकों को ध्यान में रखते हुए किया गया है. इसमें घरेलू मांग में मजबूती, वैश्विक व्यापार तनाव में संभावित कमी और कच्चे तेल की कम कीमतों से मिल रहा समर्थन जैसे तमाम अन्य पहलू शामिल हैं. नया अनुमान इस उम्मीद पर आधारित है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छे मानसून और खाद्य पदार्थों की कम कीमतों के चलते घरेलू खर्च में सुधार होगा और शहरी डिमांड में भी उछाल आएगा. खासकर अगर सरकार टैक्स में कटौती या महंगाई पर नियंत्रण जैसी राहत प्रदान करती है. यूबीएस को वित्त वर्ष 2025-26 में कच्चे तेल की औसत कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल रहने की उम्मीद है.
रेपो रेट में 0.50% फीसदी कटौती की उम्मीद
यूबीएसी ने मॉनेटरी नीति के मोर्चे पर उम्मीद जताई है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट में 50 से 75 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है. ऐसी उम्मीद है कि रेपो रेट (Repo Rate) घटकर 5.5% तक आ सकता है. गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक (MPC Meeting) 4 जून को होने वाली है और इसमें ब्याज दरों को लेकर लिए गए फैसलों का ऐलान 6 जून को किया जाएगा. वैश्विक निकाय ने कहा कि ग्लोबल अनिश्चितता के बीच हमें उम्मीद है कि भारत की ग्रोथ को बनाए रखने के लिए एसपीसी प्रमुख भूमिका निभाएगी.