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इस साल उम्मीद से कठिन रहा NEET UG का पेपर, सरकारी मेडिकल कॉलेज की कट-ऑफ पर पड़ सकता है असर

कोटा के एक कोचिंग सेंटर की तरफ से बताया गया कि, 'NEET 2025 में स्पष्ट रूप से एक नई सोच देखी गई है. अब केवल किताब की पंक्तियां रट लेने से काम नहीं चलेगा. परीक्षा इस बार परिपक्वता, स्पष्ट सोच और डॉक्टर की तरह सोचने की क्षमता पर केंद्रित थी. ऐसा प्रतीत होता है कि यह बदलाव वैश्विक स्तर पर प्रचलित दक्षता-आधारित चिकित्सा शिक्षा (competency-based medical education) के अनुरूप चयन स्तर को बेहतर बनाने का प्रयास है.

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NEET UG 2025
NEET UG 2025

NEET UG 2025 Paper: राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की ओर से देशभर के 548 शहरों में आयोजित NEET UG परीक्षा का सफलता पूर्वक संपन्न हुई. परीक्षा के लिए 5433 केंद्र बनाए गए थे, जिन पर परीक्षा देने वालों की संख्या 20.8 लाख से अधिक थी. इस बार नीट 2025 ने एक अहम बदलाव किया. हर साल जहां आमतौर पर 24 पेपर सेट होते थे, वहीं इस बार केवल चार सेट जारी किए गए. सभी चार सेट अपेक्षाकृत अधिक कठिन थे और विश्लेषणात्मक व एप्लीकेशन-आधारित लर्निंग पर केंद्रित थे.

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एग्जाम क्लियर करने कि लिए रटने की नहीं, समझ की जरूरत

हालांकि, बायोलॉजी सेक्शन NCERT सिलेबस के अनुरूप था, लेकिन इसमें पूछे गए प्रश्न अवधारणात्मक (कॉन्सेप्चुअल) और परोक्ष रूप से शब्दांकित थे, जिनका उद्देश्य रटने के बजाय समझ का मूल्यांकन करना था. वहीं, फिजिक्स और केमिस्ट्री सेक्शन को असली चुनौती माना गया. छात्रों और विशेषज्ञों के अनुसार, प्रश्नों का स्तर AIIMS जैसी परीक्षाओं के समान था, कई चरणों वाले सवाल, जटिल गणनाएं और स्थिति-आधारित रीजनिंग से भरे हुए थे. कई छात्रों ने बताया कि फिजिक्स, खासकर मॉडर्न फिजिक्स, इलेक्ट्रोडायनेमिक्स और थर्मोडायनमिक्स जैसे टॉपिक्स में कठिनाई के कारण समय प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बन गया.

कोटा के एक कोचिंग सेंटर की तरफ से बताया गया कि, 'NEET 2025 में स्पष्ट रूप से एक नई सोच देखी गई है. अब केवल किताब की पंक्तियां रट लेने से काम नहीं चलेगा. परीक्षा इस बार परिपक्वता, स्पष्ट सोच और डॉक्टर की तरह सोचने की क्षमता पर केंद्रित थी. ऐसा प्रतीत होता है कि यह बदलाव वैश्विक स्तर पर प्रचलित दक्षता-आधारित चिकित्सा शिक्षा (competency-based medical education) के अनुरूप चयन स्तर को बेहतर बनाने का प्रयास है. यह परीक्षा गहराई से समझ और उत्कृष्ट समस्या समाधान कौशल की मांग करती है. मोशन ने परीक्षा के तुरंत बाद NEET 2025 की सबसे तेज़ उत्तर कुंजी जारी की, जिससे छात्रों को अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करने और संभावित रैंक का अनुमान लगाने में मदद मिली.'

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विशेषज्ञों का मानना है कि फिजिक्स सेक्शन की कठिनाई इस वर्ष की कट-ऑफ पर असर डाल सकती है, खासकर टॉप सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए. हालांकि, केमिस्ट्री और बायोलॉजी सेक्शन की तुलनात्मक रूप से सहज प्रकृति उन छात्रों को संतुलन दे सकती है, जिन्होंने ठोस तैयारी की है. यह उल्लेखनीय है कि नीट UG भारत में मेडिकल अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एकमात्र परीक्षा है. पिछले दो वर्षों से 20 लाख से अधिक छात्र इस परीक्षा में पंजीकरण करा रहे हैं. 2024 में 24,06,079 उम्मीदवारों ने नीट यूजी  के लिए पंजीकरण किया था, जबकि 2023 में यह संख्या 20,87,462 थी. इससे पहले 2022, 2021, 2020 और 2019 में यह संख्या क्रमशः 18,72,343, 16,14,777, 15,97,435 और 15,19,375 रही थी.

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