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बिहार के वह 5 युवा चेहरे, जो खुद को नीतीश की CM कुर्सी का दावेदार मानते हैं

बिहार में अक्टूबर-नवंबर तक चुनाव होने हैं और इससे पहले चर्चा ऐसे नेताओं की भी होने लगी है, जो खुद को नीतीश कुमार की सीएम वाली कुर्सी का दावेदार मानते हैं या दावेदार माने जाते हैं.

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तेजस्वी यादव, प्रशांत किशोर, पुष्पम प्रिया
तेजस्वी यादव, प्रशांत किशोर, पुष्पम प्रिया

बिहार में चुनाव हैं और चुनावी साल में भविष्य की चर्चा जोर पकड़ रही है. भविष्य बिहार की सत्ता का, राजनीतिक दलों का, नेताओं का और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का. सीएम नीतीश कुमार की बढ़ती उम्र और सर्वे रिपोर्ट्स में मुख्यमंत्री पद के लिए लोकप्रियता में आई कमी ने जनता दल (यूनाइटेड) अध्यक्ष के भविष्य को लेकर चर्चा को और हवा दे दी है. विपक्षी महागठबंधन की अगुवाई कर रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता नीतीश कुमार को थका बताकर युवा नेतृत्व को जरूरी बता रहे हैं. बिहार की राजनीति में इन दिनों चुनावी चर्चा तो है ही, इसके समानांतर एक चर्चा और चल रही है- नीतीश कुमार की विरासत के दावेदार की.

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बिहार की सियासत दशकों तक लोकनायक जयप्रकाश नारायण के शिष्यों के इर्द-गिर्द घूमती रही है. आरजेडी प्रमुख लालू यादव और जेडीयू की अगुवाई कर रहे नीतीश कुमार तो पिछले तीन दशक से अधिक समय से बिहार का पावर सेंटर ही बने हुए हैं. सूबे की सियासत में अब नए-नए चेहरों की भी चर्चा हो रही है. बिहार सीरीज में आज बात करते हैं ऐसे ही पांच चेहरों की, जो खुद को नीतीश की जगह सीएम की कुर्सी का दावेदार मानते हैं या दावेदार माने जा रहे हैं.

तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार के बाद बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी के दावेदारों में प्रमुख चेहरा हैं. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार में डिप्टी सीएम भी रह चुके हैं. तेजस्वी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी और महागठबंधन के चुनाव अभियान की कमान संभाली थी और तब आरजेडी सीटों के लिहाज से सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. हाल ही में आई सी वोटर की सर्वे रिपोर्ट में तेजस्वी यादव 35.5 फीसदी लोगों की पसंद के साथ मुख्यमंत्री के लिए सबसे लोकप्रिय चेहरे के तौर पर उभरे हैं.  

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सम्राट चौधरी

सम्राट चौधरी बिहार सरकार के डिप्टी सीएम हैं. सी वोटर के सर्वे में 13 फीसदी लोगों ने सम्राट चौधरी को मुख्यमंत्री पद के लिए पहली पसंद बताया है. 56 साल के सम्राट चौधरी नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए सरकार के गठन के समय बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे. सम्राट चौधरी की इमेज नीतीश कुमार के विरोधी की रही है. पिछले दिनों हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सम्राट चौधरी के नेतृत्व में बिहार में भी विजय पताका फहराने की बात कही थी. तब सम्राट भी मंच पर मौजूद थे. सम्राट को आरजेडी ने 1999 में राबड़ी देवी की अगुवाई वाली सरकार में मंत्री बनाया था. तब वह दोनों में से किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे. हालांकि, उम्र कम पाए जाने पर राज्यपाल ने सम्राट को मंत्री पद से हटा दिया था.

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बिहार बीजेपी का बड़ा ओबीसी चेहरा सम्राट चौधरी कुशवाहा समाज से आते हैं, जो नीतीश कुमार के लव-कुश (कुर्मी-कुशवाहा) समीकरण का भी अहम अंग है. सम्राट के पिता शकुनी चौधरी आरजेडी के मजबूत नेताओं में गिने जाते थे. शकुनी चौधरी कई बार सांसद और विधायक रहे. सम्राट चौधरी की माता पार्वती देवी भी मुंगेर के तारापुर से विधायक रही हैं. सम्राट चौधरी 2014 में जीतनराम मांझी की अगुवाई वाली सरकार का समर्थन करने वाले आरजेडी विधायकों में भी शामिल थे. वह 2017 में बीजेपी में शामिल हो गए थे और 2018 में उन्हें पार्टी ने प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिया था. सम्राट 2023 में बिहार बीजेपी के अध्यक्ष बने और 2024 तक इस पद पर रहे. 

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प्रशांत किशोर

चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर जन सुराज के सूत्रधार हैं. नई नवेली पार्टी जन सुराज के साथ बिहार के चुनावी रण में उतरने को तैयार पीके मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव के बाद दूसरे सबसे लोकप्रिय चेहरा बनकर उभरे हैं. सी वोटर के सर्वे में 17 फीसदी लोगों ने पीके को सीएम के लिए अपनी पसंद बताया है. पीके परिवारवाद, पलायन, रोजगार और शिक्षा के मुद्दे मुखरता से उठा रहे हैं. उन्होंने यह भी वादा कर रखा है कि जन सुराज की सरकार बनी तो एक घंटे के भीतर शराबबंदी समाप्त कर देंगे. प्रशांत किशोर की पार्टी ने हाल ही में विधानसभा सीटों के उपचुनाव में करीब 10 फीसदी वोट शेयर के साथ दमदार उपस्थिति दर्ज कराई थी.

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चिराग पासवान

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान बिहार चुनाव लड़ने के संकेत दे चुके हैं. चिराग पासवान केंद्रीय मंत्री हैं लेकिन उनकी सियासत का सेंटर पॉइंट तो बिहार ही है. चिराग लंबे समय से 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' अभियान चला रहे हैं. 2020 के चुनाव में चिराग ने नीतीश कुमार की पार्टी के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार उतार दिए थे. जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई, तो सीएम नीतीश ने इसके लिए चिराग की पार्टी को ही जिम्मेदार बताया था. युवा बिहार की यूथ पॉलिटिक्स का युवा चेहरा चिराग पासवान को सी वोटर के सर्वे में छह फीसदी लोगों ने सीएम पद के लिए पसंदीदा चेहरा बताया है. 

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पुष्पम प्रिया

बिहार विधानसभा के पिछले चुनाव (2020) से पहले पुष्पम प्रिया चौधरी ने अखबारों में फुल पेज विज्ञापन देकर खुद को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया. पुष्पम प्रिया की अगुवाई वाली प्लूरल्स पार्टी नाम से अपना दल बनाया और खुद दो सीटों से किस्मत आजमाई, लेकिन दोनों ही सीट पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा. पुष्पम प्रिया के पिता विनोद कुमार चौधरी जेडीयू से एमएलसी भी रहे हैं. पुष्पम प्रिया लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पोस्ट ग्रेजुएट हैं.

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