एम के स्टालिन
मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन (M K Stalin) एक भारतीय राजनेता और तमिलनाडु के 8वें मुख्यमंत्री (Chief Minister of Tamil Nadu) हैं. वह पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के बेटे हैं (Son of M Karunanidhi). उन्होंने 28 अगस्त 2018 से द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) पार्टी के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है. वे 1996 से 2002 तक चेन्नई के 37वें मेयर (Mayor of Chennai) और 2009 से 2011 तक तमिलनाडु के पहले उप मुख्यमंत्री (Deputy CM of Tamil Nadu) भी रह चुके हैं.
स्टालिन तमिलनाडु के दूसरे मुख्यमंत्री और द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि और दयालु अम्मल के तीसरे बेटे हैं (Stalin’s Parents). स्टालिन का जन्म 1 मार्च 1953 (Stalin’s Date of Birth) को मद्रास, अब चेन्नई, में हुआ था. करुणानिधि ने अपने बेटे का नाम सोवियत नेता जोसेफ स्टालिन के नाम पर रखा था (Stalin Named After Joseph Stalin). स्टालिन ने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज हायर सेकेंडरी स्कूल से स्कूली शिक्षा हासिल की. उन्होंने 1973 में, मद्रास विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंसी कॉलेज, चेन्नई से इतिहास की डिग्री प्राप्त की. स्टालिन को 1 अगस्त 2009 को अन्ना विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया (Stalin’s Education).
स्टालिन ने 20 अगस्त, 1975 को दुर्गा से शादी की (Stalin married to Durga) और उनके दो बच्चे हैं. उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन हैं, जो एक अभिनेता और राजनीतिज्ञ हैं (Stalin’s Son Udhayanidhi).
स्टालिन ने 14 साल की उम्र में, 1967 के चुनावों में अपने चाचा, मुरासोली मारन के लिए प्रचार किया. साल 1973 में, स्टालिन DMK की सामान्य समिति के लिए चुने गए. वह 1976 में आपातकाल का विरोध करने के लिए आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के तहत मद्रास के केंद्रीय कारागार में डाल दिए गए, हिरासत में उसकी पिटाई की गई और वे सुर्खियों में आए. 1982 में स्टालिन DMK के युवा विंग के सचिव बने, इस पद पर उन्होंने चार दशकों से अधिक समय तक कार्य किया. 1989 में स्टालिन ने थाउजेंड लाइट्स निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 1996 में उन्होंने फिर से चुनाव जीता. 2003 में, स्टालिन DMK के उप महासचिव बने. 2006 में, स्टालिन ग्रामीण विकास और स्थानीय प्रशासन मंत्री बने. 2018 में, पिता करुणनिधि की मृत्यु के बाद स्टालिए डीएमके के अध्यक्ष चुने गए. 2021 के विधानसभा चुनावों में, स्टालिन ने धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन के अभियान का नेतृत्व किया. उन्होंने 234 में से 159 सीटें जीतीं, डीएमके ने खुद 132 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल किया. स्टालिन ने 7 मई 2021 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली (Stalin’s Political Career).
अपने पिता की तरह, स्टालिन ने भी सार्वजनिक रूप से खुलासा किया है कि वह नास्तिक हैं (Atheist), लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी धार्मिक आस्था के खिलाफ नहीं हैं.
उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @mkstalin है. उनके फेसबुक पेज का नाम M. K. Stalin है और वे इंस्टाग्राम पर mkstalin यूजरनेम से एक्टिव हैं.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार पर राष्ट्रीय जनगणना में देरी और आगामी परिसीमन को दक्षिणी राज्यों की राजनीतिक भागीदारी कमजोर करने की साजिश करार दिया. उन्होंने जनगणना में देरी को "खतरनाक साजिश" बताते हुए कहा कि 2027 की जनगणना के आधार पर 1971 के आंकड़े बदले जाएंगे, जिससे बीजेपी केंद्र में संसदीय प्रतिनिधित्व संरचना को अपने पक्ष में करेगा.
एक्टर से नेता बने कमल हासन आज राज्यसभा के लिए नामांकन पत्र फाइल नहीं करेंगे. पहले खबर आई थी कि हसन को आज नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके ने अपनी चार राज्यसभा सीटों में से एक को हासन की पार्टी मक्कल नीधि मय्यम (MNM) को देने का फैसला किया है. हासन ने साल 2018 में राजनीति में एंट्री की थी.
कमल हासन के राज्यसभा पहुंच जाने से फायदा तो मिलेगा ही, लेकिन नुकसान भी होगा. नुकसान मतलब, राजनीतिक नुकसान. हां, डीएमके को दिल्ली में तमिलनाडु की आवाज उठाने के लिए एक लोकप्रिय चेहरा जरूर मिल जाएगा, जिसकी बातें उत्तर भारत, खासकर हिन्दी पट्टी में ध्यान से सुनी जा सकती हैं.
तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की निति आयोग की बैठक में भागीदारी को लेकर विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों को कड़ी निंदा की. उन्होंने बताया कि सीएम राज्य के लिए आर्थिक मदद के उद्देश्य से मीटिंग में गए, और किसी दबाव या डर की वजह से नहीं गए.
दिल्ली के भारत मंडपम में नीति आयोग की एक महत्वपूर्ण बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित की गई. इस बैठक में 2047 तक विकसित भारत बनाने की योजनाओं पर चर्चा हुई. विपक्षी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सौहार्दपूर्ण बातचीत भी हुई, जिससे देश के विकास के लिए एकजुटता का संदेश मिला. तस्वीरों में देखें विपक्षी मुख्यमंत्रियों संग पीएम मोदी की चाय पर चर्चा.
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु की सरकारी शराब कंपनी TASMAC पर ED की कार्रवाई को असंवैधानिक बताते हुए अस्थायी रोक लगा दी है. अदालत का मानना है कि ये कार्रवाई राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में दखल है. ईडी के जांच के तौर तरीके पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी राजनीतिक दुरुपयोग के आरोपों पर मुहर लगाने जैसी है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगाया है. यह फैसला राज्यों के विधायी अधिकारों की सुरक्षा करता है और गवर्नरों को विधानसभा में भेजे गए विधेयकों पर कार्रवाई करने के लिए समय सीमा भी तय करता है. स्टालिन ने सभी गैर-बीजेपी राज्यों से एकजुट होने की अपील की है.
पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत सटीक एयरस्ट्राइक कर करारा जवाब दिया. तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर समर्थन करने वालों की निंदा न करने का आरोप लगाया और देशभक्ति के खिलाफ बोलने वालों को कड़ी चेतावनी दी.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि नीट, तीन-भाषा पॉलिसी, वक्फ संशोधन कानून और परिसीमन जैसे मुद्दों पर सवाल उठाना 'ध्यान भटकाने की कोशिश' नहीं, बल्कि राज्यों के अधिकारों की लड़ाई है. वहीं, पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस मालदा पहुंच गए हैं. वह कोलकाता से ट्रेन के जरिए मालादा गए हैं. दरअसल, वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 11 अप्रैल को हुई हिंसा के बाद कई हिंदू परिवार पलायन कर मालदा में शरण लिए हुए हैं.
स्टालिन ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान कहा कि चाहे वह नीट हो या तीन-भाषा नीति, या फिर वक्फ कानून संशोधन और परिसीमन का मसला इन सभी पर सिर्फ हम ही मुखर हैं. क्या राज्यों के अधिकारों की मांग करना गलत है? उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के राज्यों के अधिकारों की बात कर रहा है.
अन्नामलाई बताते हैं कि तमिलनाडु में यूपी के 25 लाख रजिस्टर्ड मजदूर हैं. अगर अनऑफिशियल को भी जोड़ लिया जाए तो करीब 40 लाख लेबर तमिलनाडु में हैं. अन्ना कहते हैं कि कल्पना करिए अगर योगी आदित्यनाथ और नीतीश कुमार कहें कि इतने सस्ता श्रम क्यों आपको उपलब्ध कराएं तो तमिलनाडु क्या कर लेगा?
तमिलनाडु के सीएम एम.के. स्टालिन का हिंदी विरोध, परिसीमन पर टकराव, और स्वायत्तता का मुद्दा चुनाव को देखते हुए सुनियोजित रणनीति है, उन्होंने राजनीतिक परिपक्वता का परिचय देते हुए इन मुद्दों के केंद्र में द्रविड़ अस्मिता को रखा है. स्टालिन के तरकश से निकला यह "तीसरा तीर" द्रविड भावनाओं और वोटों की गोलबंदी की सियासी चाल है.
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के एक्शन को चुनौती देने वाली स्टालिन सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक टाइमलाइन भी तय की है, जिसके तहत अब राज्यपालों को विधानसभा से पारित विधेयकों पर निश्चित समय के भीतर फैसला लेना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल को एक दोस्त, दार्शनिक और राह दिखाने वाले की तरह होना चाहिए. आप संविधान की शपथ लेते हैं. आप किसी राजनीतिक दल की तरफ से काम नहीं कर सकते. आपको उत्प्रेरक बनना चाहिए, अवरोधक नहीं. राज्यपाल को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोई बाधा उत्पन्न नहीं हो.
वक्फ बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में DMK, CM स्टालिन ने बिल को बताया 'संविधान पर हमला.'
हिंदी भाषा को लेकर दक्षिण भारत के राज्यों में राजनीति गर्म है. इसको लेकर सीएम योगी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा था, जिसके बाद एम के स्टालिन ने सीएम योगी पर पलटवार किया. अब स्टालिन पर बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा ने जवाब दिया है. देखिए.
साल 2023 में सीएन अन्नादुरई और जयललिता पर अन्नामलाई के बयानों ने पार्टी नेतृत्व को एनडीए को अलविदा कहने के लिए उकसाया था. तो क्या अब सबकुछ भुला दिया गया है? इसका जवाब है हां, क्योंकि आज AIADMK की स्थिति बहुत खराब है और पलानीस्वामी ने यह साफ कर दिया है कि डीएमके को हराना उनकी प्राथमिकता है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान तमिलनाडु में भाषा नीति और परिसीमन के विरोध को लेकर बयान दिया था. उन्होंने भाषा विवाद को छोटी राजनीतिक सोच करार देते हुए कहा था कि स्टालिन धर्म और भाषा के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उनका वोटबैंक खिसक रहा है.
तमिलनाडु में करीब दो साल बाद बीजेपी और AIADMK फिर से करीब आ रहे हैं. अमित शाह और ई पलानीस्वामी की दिल्ली में हुई मुलाकात में चुनावी रिश्ता करीब करीब पक्का समझ लिया गया है - लेकिन, बड़ा पेंच ये है कि AIADMK की डिमांड है कि बीजेपी नेता के. अन्नामलाई की भूमिका कम कर दी जाये.
शंकर ने दावा किया कि पुलिस को तुरंत सूचित करने के बावजूद सिर्फ एक सब-इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल ही मौके पर पहुंचे. उन्होंने आरोप लगाया कि हमलावरों ने परिसर से बाहर निकले बिना घंटों तक विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने सबूत के तौर पर कई वीडियो अपलोड किए हैं.
परिसीमन के खिलाफ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन विपक्षी नेताओं के साथ केंद्र की बीजेपी सरकार को घेरने में जुटे हैं, लेकिन ममता बनर्जी साथ नहीं दे रही हैं - कहीं इसलिए तो नहीं, क्योंकि वो कांग्रेस नेतृत्व के करीब और कट्टर समर्थक हैं. या इसलिए कि ममता की राजनीतिक हैसियत डीएमके के स्टालिन से कहीं बड़ी है. ऐसे में वे इस मुद्दे पर स्टालिन का नेतृत्व क्यों बर्दाश्त करतीं?