दिल्ली के बवाना इलाके में लूटपाट का विरोध करने पर एक 35 वर्षीय व्यक्ति की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई. ये घटना रविवार देर रात को हुई, जब पीड़ित अपने सहकर्मी नूर आलम के साथ काम से घर लौट रहा था. पीड़ित की पहचान बवाना के जेजे कॉलोनी निवासी मुस्तफा के रूप में हुई है. इस घटना का सूचना मिलते ही अस्पताल पहुंची पुलिस ने मृतक का शव अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इस मामले की जांच की जा रही है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "मुस्तफा के चाकू घोंपने के बाद महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में भर्ती होने की सूचना रविवार रात बवाना पुलिस स्टेशन को मिली. पुलिस अस्पताल पहुंची, लेकिन उन्हें बताया गया कि घायल को उसकी हालत की गंभीरता के कारण डॉ. बीएसए अस्पताल रेफर कर दिया गया है. लेकिन वहां भी मुस्तफा की इलाज के दौरान मौत हो गई. उसकी मौत का कारण चाकू घोंपना बताया गया. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.''
पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ के दौरान नूर आलम ने पुलिस को बताया कि दोनों बवाना सेक्टर-3 में काम खत्म करके घर जा रहे थे. तभी डीएसआईआईडीसी बवाना इलाके में एन-18 के पास पांच अज्ञात लोगों ने उन्हें रोक लिया. हमलावरों ने उन्हें लूटने का प्रयास किया. जब मुस्तफा ने विरोध किया, तो संदिग्धों में से एक ने उसे चाकू मार दिया. नूर आलम स्थानीय निवासियों की मदद से उसे अस्पताल ले जाने में कामयाब रहे, लेकिन बचा नहीं पाए.
पहले ये माना जा रहा था कि इस मामले में टारगेट करके मुस्ताफा को मारा गया है, लेकिन जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि लूट की वजह से ही इस वारदात को अंजाम दिया गया. हालांकि, कोई सामान नहीं लूटा गया, लेकिन इसके प्रयास के दौरान मुस्तफा के विरोध पर जानलेवा हमला किया गया. बवाना पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. आरोपियों को पकड़ने के लिए टीमें बनाई गई हैं.
बताते चलें कि दिल्ली पुलिस ने क्राइम रेट को लेकर आंकड़े जारी किए थे. इनसके अनुसार, साल 2024 में राजधानी में हत्या, लूट, बलात्कार और छेड़छाड़ के मामलों में कमी दर्ज की गई है. इन आंकड़ों के जरिए पुलिस का दावा है कि कानून व्यवस्था में सुधार हो रहा है. इसके साथ पुलिस की पहल का सकारात्मक असर हो रहा है. आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023 में जहां हत्या के 506 मामले दर्ज हुए थे, वहीं साल 2024 में यह संख्या घटकर 504 हो गई.
इसी तरह लूटपाट के मामलों में भी गिरावट देखी गई. साल 2023 में लूट के 1654 मामले दर्ज हुए थे, जो 2024 में घटकर 1510 रह गए. महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भी कमी का रुझान नजर आया है. छेड़छाड़ के मामलों में साल 2023 में 2345 शिकायतें दर्ज हुई थीं, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर 2037 रह गई. बलात्कार के मामलों में भी मामूली कमी आई है. साल 2023 में रेप के 2141 केस दर्ज थे, जो साल 2024 में 2076 पर आ गए.
दिल्ली पुलिस ने अपराध की रोकथाम के लिए कई उपाय किए हैं, जिनमें निगरानी तंत्र को मजबूत बनाना, संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाना और महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय करना शामिल है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन सकारात्मक बदलावों के बावजूद कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए प्रयास जारी रहेंगे. जनता को सुरक्षित माहौल देना पुलिस की प्राथमिकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि अभी और प्रयासों की जरूरत है.