राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने नक्सलियों और अन्य आपराधिक तत्वों को हथियार सप्लाई करने में शामिल चार आरोपियों के खिलाफ पटना की एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है. शुक्रवार को एनआईए की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई.
पुलिस ने चारों आरोपियों की पहचान विकास कुमार, सत्यम कुमार, देवमणि राय और अहमद अंसारी के रूप में की है. स्थानीय पुलिस ने पहले ही उन पर आर्म्स एक्ट के तहत आरोप लगाए थे.
जांच एजेंसी द्वारा जारी बयान में कहा गया कि पिछले साल मई से एनआईए इस मामले की जांच कर रही है. जिसके अनुसार, आरोपियों ने नक्सलियों और अन्य आपराधिक तत्वों को प्रतिबंधित बोर के हथियारों की अवैध खरीद और तस्करी में साजिश रची थी और सक्रिय रूप से उसमें शामिल थे.
एनआईए के बयान के अनुसार, चारों आरोपियों ने देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची और उसी के तहत इन हथियारों की खरीद के लिए धन भी जुटाया और उसका इस्तेमाल किया.
बयान में कहा गया है कि गुरुवार को पटना में एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष दायर अपने पूरक आरोपपत्र में एनआईए ने अब चारों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 13 और 18 के तहत आरोप लगाए हैं.
यह आरोपपत्र बिहार के मुजफ्फरपुर में एके-47 राइफल की जब्ती से संबंधित एक मामले की जांच के बाद दायर किया गया है. एनआईए ने कहा कि मुजफ्फरपुर रेल पुलिस ने शुरुआत में 7 मई, 2024 को विकास और सत्यम से एक एके-47 बट और एक राइफल लेंस बरामद किया था.
NIA के बयान में कहा गया है कि दोनों ने जांच के दौरान खुलासा किया कि उन्होंने मुजफ्फरपुर के फकुली थाना अंतर्गत मनकौली निवासी देवमणि राय उर्फ अनीश को एक एके-47 राइफल और पांच जिंदा कारतूस दिए थे. बाद में देवमणि के घर की तलाशी में राइफल और जिंदा कारतूस बरामद किए गए. इस मामले में चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.