भारत-पाकिस्तान के बीच सीज फायर हो चुका है. यह भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ (Director General Military Operations) के बीच बातचीत के बाद संभव हुआ. ऐसे में जानते हैं कि डीजीएमओ कौन होते हैं और इनका काम क्या होता है.
DGMO यानी महानिदेशक मिलिट्री ऑपरेशन, सेना में एक अहम और जिम्मेदारी वाला पद होता है. इस समय भारत के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जेनरल राजीव घई हैं. डीजीएमओ के जिम्मे ही सारे सैन्य अभियान होते हैं. किसी भी सैन्य अभियान की जिम्मेदारी, उसे गाइड करना, निर्देश देना और अन्य सारे लेना जैसे काम डीजीएमओ के पास होते हैं. युद्ध या संघर्ष के दौरान सैन्य अभियानों से जुड़े हर एक फैसले डीजीएमओ ही लेते हैं.
DGMO के पास होती है सभी सैन्य अभियानों की जिम्मेदारी
डीजीएमओ का काम युद्ध या आतंकवाद विरोधी अभियानों व शांति स्थापना के लिए चल रहे मिशनों के लिए रणनीति तैयार करना होता है. साथ ही ये सेना की तीनों शाखाओं और विभिन्न एजेंसियों के बीच पुल का काम भी करते हैं.
सेना की तीनों शाखा और एजेंसियों के बीच करते हैं पुल का काम
डीजीएमओ के पास युद्ध या सैन्य अभियानों से जुड़ी हर एक सूचनाएं पहुंचाई जाती है और उसी अनुरूप ये रणनीति तैयार कर उसके अनुसार अभियानों का संचालन करते हैं. इस वजह से खुफिया एजेंसियों के साथ भी उन्हें समन्वय रखना पड़ता है और एजेंसियों को भी सारी जरूरी सूचनाएं उनतक पहुंचाना अनिवार्य होता है.
युद्ध शुरू होने से लेकर सीज फायर तक हर फैसले में होती है अहम भूमिका
डीजीएमओ ही सीमा से जुड़े मुद्दों, सैन्य अभियानों और अन्य समस्याओं का प्रबंधन करते हैं. इसलिए युद्ध शुरू होने से लेकर युद्ध विराम और संघर्ष को विस्तार देने और कम करने तक से जुड़े सारे फैसलों में उनकी अहम भूमिका होती है. इस वक्त भी सीज फायर के मुद्दे पर दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच ही सबसे पहले संपर्क स्थापित होने की बात सामने आ रही है.