पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है. अब आपस में मारपीट करते कुछ लोगों का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो में कुछ आदमियों ने सिर पर सफेद टोपी पहनी हुई है. इस घटना को पुणे का बताते हुए कहा जा रहा है कि वहां पाकिस्तान के खिलाफ पोस्ट शेयर करने पर एक हिंदू परिवार को मुसलमानों ने पीट दिया.
वीडियो पोस्ट करते हुए एक शख्स ने लिखा, “आतंकवाद मुर्दाबाद पाकिस्तान मुर्दाबाद. पुणे में पाकिस्तान के खिलाफ पोस्ट करने पर एक हिंदू परिवार पर हमला किया गया. अपने ही देश में रह कर आप पाकिस्तान के खिलाफ नहीं बोल सकते.” ऐसे ही एक वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये घटना हाल ही में पुणे में हुई तो है. लेकिन, इन लोगों की लड़ाई पाकिस्तान के खिलाफ पोस्ट शेयर करने को लेकर नहीं बल्कि किसी और वजह से हुई थी.
कैसे पता की सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें इस बारे में छपी एक खबर मिली. 29 अप्रैल की इस रिपोर्ट में वीडियो के स्क्रीनशॉट्स के साथ बताया गया है कि ये घटना पुणे के भवानी पेठ इलाके की है. खबर के मुताबिक, ये लड़ाई तब शुरू हुई जब एक दो पहिया चालक, पैदल सड़क पार कर रहे एक व्यक्ति को देखकर हॉर्न बजाने लगा. इससे व्यक्ति नाराज हो गया और दोनों के बीच बहस हो गई. मामला बढ़ते-बढ़ते मारपीट तक पहुंच गया और लड़ाई में दोनों तरफ के और भी लोग शामिल हो गए.
'लोकमत टाइम्स' की खबर के अनुसार, 27 अप्रैल को हर्ष केशवानी नाम का शख्स एक संकरी सड़क से निकल रहा था. इस दौरान उन्होंने अपने दो पहिया का हॉर्न बजाया जिससे शोएब उमर सैयद नाम का एक आदमी नाराज हो गया. शोएब ने वहीं अपना लोडिंग ऑटो पार्क किया हुआ था और वो उसमें से सामान उतार रहा था.
हॉर्न बजाने को लेकर शोएब ने हर्ष को बुरा-भला बोला और उस पर हमला कर दिया. इसके बाद हर्ष अपने परिवार वालों को लेकर आ गया. शोएब और उसके साथियों ने उनके साथ भी मारपीट की. शोएब ने हर्ष के सिर पर पत्थर से हमला किया और उसे जान से मारने की धमकी भी दी. इसके बाद हर्ष को तुरंत अस्पताल ले जाया गया.
हर्ष के परिवार वालों को भी इस दौरान चोटें आईं थीं. परिवार वालों का कहना था कि शोएब ने उनका घर जलाने की धमकी भी दी थी. वहीं, 'Punekar News' की खबर में बताया गया है कि पुलिस ने शोएब को गिरफ्तार कर लिया है और उस पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया है.
इस बारे में आजतक ने मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी महेंद्र कांबले से बात की. उन्होंने भी हमें यही बताया कि इस केस में कोई पाकिस्तानी एंगल नहीं है. ये सिर्फ एक रोड रेज की घटना थी.
इस तरह ये स्पष्ट हो जाता है कि वायरल वीडियो के साथ झूठा सांप्रदायिक दावा किया जा रहा है.