पाकिस्तान पर इंडियन आर्मी की एयरस्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है. ऐसे में भारत के गृह मंत्रालय ने कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं. मंत्रालय ने कहा है कि सोशल एवं अन्य मीडिया प्लेटफार्म्स पर अवांछनीय तत्वों द्वारा देश विरोधी दुष्प्रचार पर कड़ी नजर रखी जाए. राज्य सरकारों और केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर फेक सोशल मीडिया अकाउंट्स पर त्वरित कार्रवाई की जाए.
देश या विदेश कहीं से भारत के खिलाफ अगर फर्जी प्रोपेगैंडा फैलाया जाता है, तो ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट को ब्लॉक किया जाएगा. बॉर्डर इलाकों के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश केंद्र के साथ लगातार कम्युनिकेशन को बनाए रखने की हर मुमकिन कोशिशें हों और सुरक्षा दुरुस्त की जाए.
गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि वे जनता में बिना वजह के डर फैलने से रोकें और अफवाहों के खिलाफ लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए सही कदम उठाएं. बॉर्डर इलाकों में स्थानीय प्रशासन, सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच कोऑर्डिनेशन को और बेहतर किया जाए.
रेल मंत्रालय भी सख्त
रेल मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा मिलिट्री ट्रेनों की आवाजाही का ब्यौरा मांगने की कोशिश के प्रति आगाह किया है और कहा है कि गोपनीय जानकारी किसी भी अनऑफिशियल व्यक्ति के साथ साझा नहीं की जानी चाहिए. पहलगाम हमले के प्रतिशोध में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले करने से एक दिन पहले 6 मई को जारी अपने परामर्श में मंत्रालय ने कहा कि ऐसी जानकारी का खुलासा करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा होगा.
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रेलवे बोर्ड की तरफ से सभी रेलवे जोन के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेशन मैनेजर्स को भेजे गए मैसेज में कहा गया, "पाकिस्तानी खुफिया एजेंट रेलवे अधिकारियों को फोन कर मिलिट्री स्पेशल ट्रेनों की आवाजाही के बारे में गोपनीय जानकारी मांग सकते हैं."
इसमें कहा गया है कि रेलवे अधिकारियों द्वारा मिल रेल स्टाफ (रेलवे की सैन्य शाखा) के अलावा किसी भी अनऑफिशियल शख्स को ऐसी जानकारी देना सुरक्षा का उल्लंघन माना जाएगा और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा होगा.
(एजेंसी के इनपुट के साथ)