मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बाणगंगा चौराहे पर सोमवार को हुई स्कूल बस दुर्घटना के बाद प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है. इस हादसे में इंटर्न डॉक्टर आयशा खान की दर्दनाक मौत हो गई थी, जबकि 6 अन्य लोग घायल हुए थे.
पुलिस ने बस ड्राइवर और मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. भोपाल आरटीओ जितेंद्र शर्मा को निलंबित कर दिया गया है और घायलों को तात्कालिक राहत के रूप में 10-10 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई है.
हादसे का सीसीटीवी फुटेज सामने आया था, जिसमें तेज रफ्तार स्कूल बस रेड सिग्नल पर खड़े वाहनों से टकरा गई, जिसके नीचे आयशा की स्कूटी आ गई थी. हादसे का कारण ढलान पर बस का ब्रेक फेल होना बताया जा रहा है.
जांच में पता चला कि बस की फिटनेस, पंजीकरण, और बीमा वैधता समाप्त हो चुकी थी. बस का फिटनेस पांच महीने पहले और बीमा भी पहले ही समाप्त हो गया था.
कमिश्नर संजीव सिंह ने निलंबन आदेश में लिखा, "परिवहन विभाग के वाहन पोर्टल के रिकॉर्ड के अनुसार, बस की फिटनेस, रजिस्ट्रेशन और बीमा वैधता समाप्त हो चुकी थी. भोपाल आरटीओ जितेंद्र शर्मा की प्रथम दृष्टया लापरवाही सामने आई है."
इसके चलते, मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत जितेंद्र शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और उनका मुख्यालय आयुक्त, भोपाल संभाग नियत किया गया है.
जिला कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह ने तात्कालिक राहत के रूप में 5 घायलों को रेड क्रॉस से 10-10 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से ढलान पर सुरक्षा उपाय और भारी वाहनों की गति नियंत्रण की मांग की है. पुलिस मामले की जांच कर रही है और फरार बस ड्राइवर की तलाश जारी है.