जम्मू और कश्मीर
जम्मू और कश्मीर (Jammu And Kashmir) भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) है. यह हिमाचल प्रदेश और पंजाब के उत्तर और लद्दाख के पश्चिम में स्थित है.
अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाते हुए जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत जम्मू और कश्मीर को दो केद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया.
देश के उत्तरी भाग में स्थित पाकिस्तान और चीन के साथ अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हुए, जम्मू और कश्मीर के पूर्व राज्य को बड़े पैमाने पर विभिन्न दलों के बीच संघर्ष के क्षेत्र के रूप में जाना जाता है और इस क्षेत्र पर अपना प्रभुत्व और नियंत्रण स्थापित करना चाहता है (Jammu And Kashmir sharing its international border with Pakistan and China).
जम्मू और कश्मीर भारत की कई रियासतों में से एक था. आजादी के समय. इसे या तो भारत में शामिल होने या नवगठित पाकिस्तान में शामिल होने या एक स्वतंत्र व्यक्तिगत राज्य के रूप में अस्तित्व में रहने का मौका दिया गया था. राज्य के अंतिम रीजेंट महाराजा हरि सिंह (Maharaja Hari Singh) ने पाकिस्तान समर्थित विद्रोह का सामना करते हुए भारतीय पक्ष में शामिल होने का फैसला किया और परिणामस्वरूप, जम्मू और कश्मीर आधिकारिक तौर पर वर्ष 1954 में भारत का हिस्सा बन गया.
मुगल सम्राट जहांगीर (Mughal emperor Jahangir) द्वारा 'धरती पर स्वर्ग' (heaven on earth) की उपाधि से सम्मानित, जम्मू और कश्मीर की घाटी प्राकृतिक सुंदरता और विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों और जीवों से भरी हुई है. यहां की प्रसिद्ध डल झील (Dal Lake) और विभिन्न घाटियां जैसे चिनाब (Chenab ) और लिद्दर (liddar ) प्रमुख दर्शनीय स्थल है. इस जगह के केसर और सेब दुनिया भर में प्रसिद्ध है. वैष्णो देवी (Vaishno Devi) और अमरनाथ मंदिर (Amarnath Temple) जैसे विभिन्न तीर्थ स्थल, राज्य को विविध प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर बनाते हैं.
यह एनकाउंटर त्राल के नादिर गांव में चल रहा है. पुलवामा में 48 घंटे में यह दूसरा एनकाउंटर है. इससे पहले मंगलवार को शोपियां में लश्कर के तीन आतंकियों को ढेर किया गया था.
इस सीरीज के चौथे हिस्से में, जिसमें हम कश्मीर में आतंकवाद के इतिहास को समझने की कोशिश कर रहे हैं, इस बार बात करते हैं दिसंबर 1989 की उस घटना की, जिसने हालात पूरी तरह बदल दिए. इस बार याद करते हैं रूबैया सईद के किडनैप का मामला. रूबैया, उस वक्त के भारत के गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी थीं. जैसे ही उन्हें अगवा किया गया, घाटी में हज़ारों लोग सड़कों पर उतर आए. इस अपहरण ने सरकार को झुका दिया. ये घटना उस दौर की एक अहम कड़ी बनी, जिसने कश्मीर की तस्वीर को हमेशा के लिए बदल दिया.
जम्मू-कश्मीर के त्राल में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है. दो से तीन आतंकी यहां पर छुपे हो सकते हैं. यह पिछले 48 घंटों में दूसरी ऐसी मुठभेड़ है, जो कश्मीर में तीन आतंकियों के मारे जाने के बाद हुई है और इसे पहलागाम हमले के बाद तेज हुए आतंक विरोधी अभियानों का हिस्सा माना जा रहा है.
क्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के केलर के शुकरू वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं. 13 मई को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के केलर के शुकरू वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई की थी.
पुंछ में हुई शेलिंग में दो बच्चों, अयान और ज़ोया, की मृत्यु हो गई और उनके पिता रमीज़ खान गंभीर रूप से घायल हो गए. रमीज़ खान को अभी तक अपने बच्चों की मृत्यु की जानकारी नहीं है, और उनकी पत्नी उनसे कह रही हैं कि 'बच्चे बहुत अच्छे हैं और बच्चे ठीक हैं'. इस घटना में कई घर क्षतिग्रस्त हुए और शहर में नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया गया.
पाकिस्तान ने भारत के बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार को वापस लौटा दिया है. पाकिस्तानी रेंजर्स ने अटारी वाघा सीमा के रास्ते बीएसएफ कॉन्स्टेबल को वापस भेजा है.
पुंछ में पाकिस्तान की ओर से हुए अटैक में जुड़वां बच्चों की जान चली गई. यह परिवार बच्चों की पढ़ाई के लिए किराए के मकान में रहता था और मूल रूप से कुलानी चक्रों गांव का था. परिवरा के किसी परिचित ने कहा कि जो मर गया वो वापस तो नहीं आ सकता लेकिन अगर सरकार की तरफ से एक पैकेज होगा, कम से कम वो लोग अपना घर तो मेंटेन कर पाएंगे.
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों को एक मुठभेड़ में मार गिराया. मारे गए आतंकवादियों में कई वर्षों से सक्रिय और विभिन्न राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकी भी था. आतंकियों के पास से गोला असला और बारूद मिला है. जिसमें ए के-46, लगभग 200 एके राउंड, कई मैगज़ीन, तीन ग्रेनेड और कुछ नकदी शामिल हैं.
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सुरक्षाबलों ने तीन लश्कर आतंकियों का खात्मा किया, जिनके कब्जे से भारी मात्रा में हथियार मिले हैं. इसके अलावा, 23 अप्रैल को अनजाने में सीमा पार गए बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार 21 दिन बाद पाकिस्तान से भारत लौटे. देखें ब्रेकिंग न्यूज.
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते पठानकोट में बीते एक सप्ताह से बंद पड़े स्कूल आखिरकार आज बुधवार को फिर खुल गए. जैसे ही स्कूल खुले, बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई और पूरे जिले में एक सकारात्मक माहौल नजर आया. छात्रों ने जहां स्कूल खुलने पर प्रशासन का आभार जताया, वहीं शिक्षकों ने इसे बच्चों की पढ़ाई और मानसिक विकास के लिए जरूरी कदम बताया.
श्रीनगर के डल झील में इस वक्त तेज हवाएं चल रही हैं, जिससे विंड स्टॉर्म जैसी स्थिति बन गई है. इसके चलते शिकारों के पलटने का खतरा है और पहले भी ऐसी दो घटनाएं हो चुकी हैं. एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं और झील में मौजूद शिकारों को सुरक्षित किनारों की ओर ले जा रही हैं.
रजौरी के कराइया में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन दिखने के बाद भारी गोलाबारी हुई, जिससे एक रिहायशी मकान तहस-नहस हो गया. घर के सदस्य दिलीप ने बताया, "अचानक से यहां गोलाबारी शुरू हो गई फिर हम अंधेरे में छुप गए. इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है.
तेज बारिश के कारण चिनाब नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है, जिसके चलते डैम के गेट खोलने पड़े. पानी के तेज बहाव से पाकिस्तान में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. भारत सरकार की तरफ से 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई घटना के बाद सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया गया है.
कुपवाड़ा में भारत-पाकिस्तान सीमा पर भारी पाकिस्तानी गोलाबारी में आम कश्मीरी मुसलमानों के घर निशाना बने. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी फौज की बौखलाहट में निर्दोष नागरिकों के घरों को निशाना बनाया जा रहा है, जिससे भारी नुकसान हुआ है. भारतीय सेना भी इस गोलाबारी का कड़ा जवाब दे रही है. देखिए रिपोर्ट.
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षाबलों को एक और बड़ी कामयाबी मिली है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने लश्कर के तीन आतंकियों को मार गिराया है. मंगलवार को शोपियां में सेना ने बड़ा अभियान चलाया और सफलता हासिल की.
जम्मू-कश्मीर के उरी में पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी हो रही है, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत है. पिछले 10 दिनों से और विशेषकर बीते 3 दिनों से यह गोलाबारी और तेज हो गई है. स्थानीय शख्स के अनुसार, ज्यादातर आबादी ने गांव छोड़ दिया है लेकिन जिनके पास मवेशी हैं वो नहीं जा पाए हैं.
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में भारतीय सेना ने जिंदा बम को निष्क्रिय किया है. यह बम पाकिस्तान की ओर से छोड़ा गया था. एलओसी और आसपास के इलाकों में सेना ऐसे कई जिंदा बमों को निष्क्रिय करने के अभियान में जुटी हुई है. इन बमों को सावधानीपूर्वक डिफ्यूज किया जा रहा है ताकि किसी भी तरह का नुकसान ना हो.
पहलगाम आतंकी हमले पर देशभर में उपजे आक्रोश के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया. ऑपरेशन सिंदूर से आतंकवाद की कमर तोड़कर रख दी गई. लेकिन पहलगाम आतंकी हमले ने कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की रक्तरंजित साजिशों की फिर से याद दिला दी है. 1947 में देश की आजादी और विभाजन के साथ ही अक्टूबर महीना आते ही कबाइलियों के रूप में पाकिस्तान ने हमलावर घुसाने शुरू कर दिए थे. इस खास सीरीज के दूसरे पार्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि कश्मीर कब्जाने के लिए लाए गए कबाइलियों से पाकिस्तान ने क्या-क्या वादे किए थे.
जम्मू-कश्मीर में बॉर्डर के पास वाले इलाकों में सेना और पुलिस ने बिना फटे पाकिस्तानी बमों को निष्क्रिय करने का अभियान शुरू किया है
जम्मू और कश्मीर के शोपियां के जामपथरी में सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को मार गिराया है. यह कार्रवाई सीआरपीएफ, सेना और पुलिस द्वारा केलर के घने जंगली इलाके में खुफिया सूचना के आधार पर संयुक्त रूप से की गई.
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों को एक और बड़ी कामयाबी मिली है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने लश्कर के तीन आतंकियों को मार गिराया है. मंगलवार को शोपियां में सेना ने बड़ा अभियान चलाया और सफलता हासिल की.