
बीते दिनों राजनीतिक माहौल तब अचानक गर्म हो गया जब केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सवाल उठाने को लेकर कांग्रेस पार्टी पर तीखा पलटवार किया. यह बयान उन्होंने छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान दिया, जहां वह मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ मीडिया को संबोधित कर रहे थे. भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था.
शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय सेना की प्रशंसा करते हुए सरकार की प्रतिक्रिया को सही ठहराया और कहा, 'पूरा देश गौरवांवित है. पाकिस्तान की ओर से भेजे जा रहे ड्रोन ऐसे उड़ाए गए जैसे भूसे का ढेर. हमारी सेना को सलाम- उन्होंने सिर्फ सिंदूर का रंग नहीं मिटाया, आतंकवाद की जड़ों को ही खत्म कर दिया.'
क्या है पूरा विवाद?
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'जब आप प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलते हैं, तो ध्यान रखें कि कहीं आप देश के खिलाफ तो नहीं बोल रहे.' शिवराज का यह बयान कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के एक दिन पहले दिए गए बयान के जवाब में आया है. बघेल ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल उठाए थे.
'ये ऑपरेशन सफल कैसे है?'
दिल्ली स्थित ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) मुख्यालय में बघेल ने कहा, '26 लोग मारे गए. क्या वो 4-5 आतंकी पकड़े गए? अगर नहीं, तो आप इसे सफल ऑपरेशन कैसे कह सकते हैं? इस नाकामी की जिम्मेदारी कौन लेगा?' उन्होंने सरकार की कश्मीर नीति पर भी सवाल उठाया, 'लोग सरकार की गारंटी पर कश्मीर घूमने गए थे, परिवार के साथ गए थे, लेकिन ताबूतों में लौटे.'
सीजफायर पर भी उठाए सवाल
इसके अलावा बघेल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से अचानक किए गए सीजफायर की घोषणा पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा, 'क्या यह भारत की विदेश नीति की असफलता नहीं है? क्या भारत ने किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता मान ली है? संघर्षविराम के दौरान क्या वादे किए गए? देश को यह जानने का हक है.'
इस पूरे विवाद के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. उन्होंने प्रधानमंत्री से संघर्षविराम की शर्तों और भारत की कूटनीतिक स्थिति को स्पष्ट करने की अपील की है.
सुमी राजाप्पन